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तुमको खो जाने का डर

tumko kho jane ka Dar

खेमकरण ‘सोमन’

खेमकरण ‘सोमन’

तुमको खो जाने का डर

खेमकरण ‘सोमन’

और अधिकखेमकरण ‘सोमन’

    इतने दिनों बाद

    कल तुमसे मिलकर अच्छा लगा

    बहुत अच्छा लगा मुझे जब

    मेरे सिर-कंधे का बोझ तुम

    अपने सिर कंधे पर उठाने लगी

    मैं भूल गया अपना दर्द

    मैं भूल गया अनाथ सा महसूसना

    तितर-बितर

    मैं भूल गया फिर

    तुमको खो जाने का डर।

    स्रोत :
    • रचनाकार : खेमकरण ‘सोमन’
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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