नागौद वाली चाची
पन्ना वाली मामी
सालिमपुर वाली ताई
कंचनपुर वाली अम्मा
और
इटली वाली सोनिया गांधी
जब वतन पितृभू हो
तो औरतें आती ही हैं
कहीं न कहीं से
और
जानी जाती हैं ससुराल में
अपने नैहर के नाम से
मर्द चींथते हैं उनकी पहचान
जब भी
निगाह में खटकती हैं वे
मर्द चींथते हैं उनकी पहचान
क्योंकि
उनके सूअरबाड़े में आकर भी
वे
पालतू नहीं बनतीं।
- रचनाकार : सौम्य मालवीय
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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