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सीधी-सादी बात

sidhi sadi baat

अनुवाद : मुनमुन सरकार

तसलीमा नसरीन

तसलीमा नसरीन

सीधी-सादी बात

तसलीमा नसरीन

और अधिकतसलीमा नसरीन

    'एक्स' नामक एक क्रोमोज़ोम चलते-चलते

    एक और 'एक्स' नामक क्रोमोज़ोम के शरीर से जा लगा

    वह 'वाई' नामक क्रोमोज़ोम के शरीर से भी सट सकता था

    'एक्स' और 'वाई' के बीच कोई बुनियादी फ़र्क नहीं है

    जैसे 'ए' और 'वी' में नहीं है या 'आर' और 'एस' में

    'ए' और 'वी' कोई किसी से कम नहीं, 'ओ' और 'पी' में

    किसी का वज़न या आयतन किसी से कम नहीं

    वैसे ही ‘एक्स' और 'वाई' में कोई किसी से कम नहीं

    ‘एक्स-एक्स' से जन्म ले रहा है मनुष्य

    जन्म ले रहा है ‘एक्स-वाई' से भी

    एक-दो शारीरिक भिन्नता के अलावा दोनों में कोई फ़र्क नहीं

    दोनों हँसते हैं, रोते हैं, खाते-सोते हैं। वे धीरे-धीरे

    मानवीय दोष-गुणों से विकसित होते हैं—बड़े होते हैं

    दोनों में कोई किसी से कम अर्थवान नहीं

    काट-छाँट होने की कोई वजह नहीं, फिर भी एक ने

    अपने हिस्से जल्दी से रख ली गद्दीदार कुर्सी,

    बिस्तर का मोटा गद्दा, जायदाद का अस्सी फ़ीसदी हिस्सा और

    मछली का माथा

    और दूसरे के हिस्से रह गई जूठन और काँटा, रह गई

    सस्ती आलता की शीशी और ख़ुशबूदार केश तेल

    'एक्स' और 'वाई' के बीच अस्सी और बीस, ऊँच और

    नीच, ज़्यादा और कम की कोई तुक नहीं। फिर भी

    'एक्स' के कंधे पर चढ़कर बैठा है 'वाई', वह ख़ुशी से

    पाँव हिला रहा है, सीटी मार रहा है, बगलें बजा रहा है।

    एक्स के कंधे पर घाव, एक्स की जाँघों में दर्द, कमर में चोट।

    आँखों के सामने यह असमानता देख रहे हैं सभी। फिर भी

    कोई कुछ नहीं बोलता। हमारी ज़ुबान कटी है, होंठ सिले हैं,

    हमारे हाथ बँधे हैं, पैरों में ज़ंजीर है।

    हम सब क्या कभी कुछ नहीं बोलेंगे?

    स्रोत :
    • पुस्तक : तसलीमा नसरीन की कविताएँ (पृष्ठ 174)
    • रचनाकार : तसलीमा नसरीन
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 1998
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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