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शब्द जो शब्द भर नहीं है

shabd jo shabd bhar nahin hai

प्रियंकर पालीवाल

प्रियंकर पालीवाल

शब्द जो शब्द भर नहीं है

प्रियंकर पालीवाल

और अधिकप्रियंकर पालीवाल

    प्यार

    एक बहुउद्धृत शब्द

    यह निरा शब्द ही तो है

    जैसे अंक हैं गणित में

    नहीं!

    मैं शब्द के संगीत को

    पा नहीं सका था

    और अर्थ की सतहों के पार

    जा नहीं सका था

    शब्द जो बहता है सदानीरा-सा

    शब्द जो मचलता है

    लय है

    शब्द जो अंकुर है पराजय का

    शब्द जो स्वयं ही जय है

    शब्द जो मधुमास को पुकार लाते हैं

    शब्द जो गंध की नदी से पार आते हैं

    शब्द जो किसी साज से बज सकें

    शब्द जो किसी के होठों पर सज सकें

    शब्द जो दहकता है पलाश-सा

    शब्द जो महकता है गुलाब-सा

    शब्द चाहिए जिसे—

    उपयुक्त माध्यम उपयुक्त समय

    शब्द चाहिए जिसे—

    उपयुक्त श्रोता उपयुक्त जगह

    जहाँ से शब्द

    किसी हरसिंगार-सा झर सके

    और हर शब्द-याचक

    अपनी झोली भर सके

    जब तुम पहचान रही थीं

    अवसर की उपयुक्तता

    मैं वहीं समय के प्रवाह में

    पतवार थामे खड़ा था

    और ये शब्द प्यार

    तुम्हारे होठों पर

    मुस्कराहट की तरह जड़ा था

    तुमने इसे किसी भी उद्देश्य से कहा हो

    मैंने तो इस शब्द-सुरा को

    पूरी तन्मयता से पिया है

    संभव है—तुमने फिर

    सोचा भी हो

    मैने तो—

    पूरी गंभीरता से जिया है।

    स्रोत :
    • पुस्तक : दृष्टि-छाया प्रदेश का कवि (पृष्ठ 24)
    • रचनाकार : प्रियंकर पालीवाल
    • प्रकाशन : प्रतिश्रुति प्रकाशन
    • संस्करण : 2015

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