समकालीन कवियों से
samkalin kawiyon se
समकालीन समय के
समकालीन कवियों के संसार से
बीट्रिस अनुपस्थित है
वे किसी
आदर्श प्रेमिका के प्रति
प्रेमासक्त नहीं है
उनके संसार में
यथार्थ स्त्रियाँ
अपनी मोहक छवियों के साथ
उनकी कविताओं में
अवतरित है
मैं सोचता हूँ
जो उनकी तरह एक समकालीन कवि हैं
बिना बीट्रिस के
कितना अपूर्ण है मेरा संसार
मेरी कविता में
न तो उन्माद है न आसक्ति है
प्रेमातुर से अधिक कामातुर हूँ
न जाने कितनी बीट्रिसों की खंडित प्रतिमाएँ
फेंकी जा चुकी हैं
मेरी कविता के नर्क में
मुझे अफ़सोस है—
मैं एक समकालीन बुद्धिमान कवि हूँ।
- पुस्तक : भूल गए शब्द लिखना (पृष्ठ 7)
- रचनाकार : आग्नेय
- प्रकाशन : पहले पहल प्रकाशन
- संस्करण : 2011
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