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सलीब का मार्ग

salib ka marg

अनुवाद : रति सक्सेना

अय्यप्प पणिक्कर

अय्यप्प पणिक्कर

सलीब का मार्ग

अय्यप्प पणिक्कर

और अधिकअय्यप्प पणिक्कर

    सोने की कुटिया छाई

    सोने के फूस का गट्ठर बनाया

    सोने से रेशम बुना

    संगमरमर की मरियम गढ़ी

    वे इंतज़ार में हैं प्रभु

    तू क्यों जन्म नहीं लेता?

    ग़ुलाम को ख़रीदकर सिर पर काँटे का ताज पहनाया

    लोहे की कीलें ठोक पाँच घाव बनाए

    फिर उसे कर दिया बंद कंक्रीट के कमरे में

    वे इंतज़ार कर रहे हैं प्रभु!

    तू क्यों नहीं अवतरित हो रहा अब तक!

    स्रोत :
    • पुस्तक : मेरी दीवार पर (पृष्ठ 43)
    • रचनाकार : अय्यप्प पणिक्कर
    • प्रकाशन : भारतीय ज्ञानपीठ
    • संस्करण : 2003

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