बंद अँधेरे में
दो सफ़ेद चमकते बटन
थोड़ा-सा लाल ऊन थोड़ा-सा नीला
और
कुछ बुनने को मचलती दो सुनहली सलाइयाँ
आओ
सलाइयों से बटन उठाकर
अँधेरे में कहीं टाँक दें
लाल ऊन होठों-सा उनके नीचे फैला दें
और ऊपर तान दें
प्रगाढ़ नीला आसमान
हम तुम एक हो जाएँ...
- पुस्तक : अपने होने को अप्रकाशित करता हुआ (पृष्ठ 34)
- रचनाकार : मलयज
- प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
- संस्करण : 1980
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