प्रेम के दस्तावेज़ों में
prem ke dastawezon mein
प्रेम के दस्तावेज़ों में बाक़ी है
अभी लिखी जानी दास्ताँ उन लोगों की
जिनके जन्म ने निर्धारित किया
उनके मनुष्य होने से पहले
उनका मर्द या औरत होना
और उन्हें लड़ना पड़ा
अपने ही शरीरों से
अपनी अस्मिताओं के लिए
लिखे जाएँगे क़िस्से उन लड़कियों के
जिन्होंने अकूत प्रेम किया लड़कियों से,
लड़कों से, और उनसे भी
जिन्होंने नकारा ये दोनों होना
अभी तो बाक़ी हैं क़िस्से उन लड़कों के
जिनके प्रेम में थी उतनी ही आग
जो धधके तो कलेजों से अश्क गिरें
पर जिन्हें ज़रूरत न हुई
महबूब-ए-बदन की
अंजाम-ए-इश्क़ की ख़ातिर
- रचनाकार : धर्मेश
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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