Font by Mehr Nastaliq Web

पुरुषत्व एक उम्मीद

purushatw ek ummid

पंकज चतुर्वेदी

पंकज चतुर्वेदी

पुरुषत्व एक उम्मीद

पंकज चतुर्वेदी

मोबाइल आप कहाँ रखेंगे?

क़मीज़ के बाईं ओर

ऊपर जेब में?

तो दिल को ख़तरा है

कान से लगाकर रोज़ाना

ज़्यादा बात करेंगे

तो कुछ बरसों में

आंशिक बहरापन

सकता है

सिर के पास रखने से

ब्रेन ट्यूमर का अंदेशा है

टेलीकॉम कंपनियों के

बेस स्टेशनों के

एंटीना से निकलती ऊर्जा

कोशिकाओं का तापमान बढ़ाती है

बड़ों की बनिस्बत बच्चे इससे

अधिक प्रभावित होते हैं

मोबाइल के ज़्यादा इस्तेमाल से

याददाश्त और दिशा-ज्ञान सरीखी

दिमाग़ी गतिविधियों पर

व्यवहार पर

बुरा असर पड़ता है

ल्यूकेमिया जैसी ख़ून की बीमारी

हो सकती है

इसलिए डॉक्टर कहते हैं :

कुछ घंटे मोबाइल को

पूरे शरीर से ही

दूर रखने की आदत डालें

और अगर पैंट की जेब में रखेंगे

तो पुरुषत्व जा सकता है

इस पर एक उच्च-स्तरीय भारतीय संस्थान में

कुछ बुद्धिजीवी

अपने एक सहधर्मी के सुझाव से

सहमत और गद्गद थे

कि दिल भले जाए

हम तो पुरुषत्व को बचाएँगे

इस तरह मैंने जाना

पुरुषत्व एक उम्मीद है समाज की

जिसके पास दिल नहीं रहा

स्रोत :
  • रचनाकार : पंकज चतुर्वेदी
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

संबंधित विषय

यह पाठ नीचे दिए गये संग्रह में भी शामिल है

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY