बँटवारे के बाद का बँटवारा
bantware ke baad ka bantwara
हिंदुस्तान-पाकिस्तान के बँटवारे के बाद
देश में बहुत कुछ बँटा :
हिंदू-मुस्लिम क़ौमी-एकता बँटी,
संसद में कुर्सियाँ बँटी,
विभाग बँटे,
पद और नौकरियाँ बँटी,
खत्ते-खतौनियों में ज़मीने बँटी,
विकास-भवनों में मकान और पेंशनें बँटीं,
टेंडर बँटे,
बाग़-बग़ीचे, फ़ॉर्म और फ़ैक्ट्रीज़ बँटी,
राज करने के लिए बँटे
गाँव, देहात, क़स्बे,
नगर, शहर, प्रदेश,
वोट में
जनता बँटी,
जाति बँटी,
धर्म बँटे।
बँटवारे के पहले
अंबेडकर वाक़िफ़ थे
इस बंदरबाँट से
इसलिए उन्हें बाँटना पड़ा
ग़रीबों में आरक्षण।
बँटवारे के पक्के हामी
आज बाँट लेना चाहते हैं इसे भी,
अपना कुछ भी
बाँटे बग़ैर।
- रचनाकार : अमित धर्मसिंह
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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