Font by Mehr Nastaliq Web

परधान अही हम

pardhan ahi hum

अनीस देहाती

अनीस देहाती

परधान अही हम

अनीस देहाती

और अधिकअनीस देहाती

    ना हिंदू अही हम,

    मुसुरमान अही हम।

    पंचौ! गरीब गाँव कै, परधान अही हम।

    एक मुद्दतै से गाँव म,

    लाये रहे लासा।

    तिकड़म से अपने छोट

    अउर मोट फाँसा।

    देबइ जरूर तोहका भुँइ,

    दीन दिलासा।

    तौ जाइके यहि वोट म,

    बहुमत मिला खासा।

    जनता के हक्क खाइ के उँचियान अही हम।

    पंचौ! गरीब गाँव के परधान अही हम।

    टी. बी. तो मिली गाँव का,

    लगवाये घरे मा।

    पाये इनाम, गाइ दीन,

    गाँव भरे मा।

    चिन्ता छोड़ हर घरी,

    ओहमा रही चपका।

    ओकरे बगैर ना सोहाय हमका।

    संझा-सबेर चीन जापान अही हम।

    पंचौ! गरीब गाँव के परधान अही हम।

    उज्जर करी कि स्याह,

    हियाँ केउ बोलइया।

    डर से चहै कि प्रेम से,

    सब लेंय बलइया।

    पुरखन की मया से खिली,

    मधुबन मा जोन्हइया।

    हमरी तरा जब से मिला,

    गउभन कन्हैया।

    भासन के बरे झूँठ कै खरिहान अही हम।

    पंचौ! गरीब गाँव के परधान अही हम।

    तोहका कसम हमार है,

    सच का सच कहा।

    आराम भले हम सही,

    तकलीफ तू सहा।

    बूड़ा भले भँवर मा कि,

    मंझधार मा रहा।

    चिन्ता हमें तू भले,

    भरसार मा रहा।

    सानी की तरह साँड़ के लसियान अही हम।

    पंचौ! गरीब गाँव के परधान अही हम।

    कुछ अस अहैं कि ताम-झाम,

    ताँई जाँय दे।

    दूधे-दहिउ गाय—

    भँइस, ताँई जाँय कै।

    मुल कुछ अहैं कि सेंत मा,

    चाहैं दया कै भीख।

    हम काम मुफत मा करी,

    पावा नहीं सीख।

    बस छूँछ राम-राम से रिसियान अही हम।

    पंचौ! गरीब गाँव कै परधान अही हम।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अनीस देहाती
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए शैलेंद्र कुमार शुक्ल द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए