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पगडंडी से पक्की सड़क

pagDanDi se pakki saDak

प्रदीप जिलवाने

प्रदीप जिलवाने

पगडंडी से पक्की सड़क

प्रदीप जिलवाने

और अधिकप्रदीप जिलवाने

    बेटियाँ सीखती हैं अपनी माँ से ही

    स्वेटर बुनना और

    खुरदरी हथेलियों पर घर ढोना

    बेटियाँ सीखती हैं माँ से ही

    बनाना चपातियाँ गोल-गोल और

    अश्रुओं को रसोई तक ही रखना

    बेटियाँ सीखती हैं माँ से ही

    चलना मर्द के पीछे-पीछे और

    रह जाती हैं वे अक्सर पीछे

    बेटियाँ सीखती हैं माँ से ही

    जो उसने अपनी माँ से और

    उसकी माँ ने अपनी माँ से सीखा

    इस तरह चलता चला रहा है परंपरा का

    पगडंडी से पक्की सड़क बनने का सफ़र।

    स्रोत :
    • रचनाकार : प्रदीप जिलवाने
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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