Font by Mehr Nastaliq Web

नीलहे साहबों की कोठियों के क़िस्से

nilhe sahbon ki kothiyon ke qisse

पंखुरी सिन्हा

पंखुरी सिन्हा

नीलहे साहबों की कोठियों के क़िस्से

पंखुरी सिन्हा

और अधिकपंखुरी सिन्हा

    बचपन में लगभग सरकारी क्वार्टरों में चूना होता था

    लगभग क्योंकि वो उस तरह सरकारी क्वार्टर नहीं थे

    जिस तरह कुछ होते हैं

    वो शिक्षकों के क्वार्टर थे

    कॉलेज के बग़ल में

    और कॉलेज कितना सरकारी था

    ये पता नहीं

    वो एक महंथी अनुदान पर खड़ा कॉलेज था

    सरकार भी तब बन ही रही थी

    यानी आज़ादी के बाद की सरकार

    और अब जब कमरों का रंग

    बहुत बड़ी राजनीति है

    इतने रंग हैं

    कि नामो का आविष्कार संभव नहीं

    उतनी ही नफ़ासत है

    रंगों की

    जितनी धाँधली

    जो जितना बड़ा चोर है

    उसके घर की दीवारें

    उतनी ही चिकनी

    ख़ाक रंग लाई है

    केसरिया आज़ादी

    इससे तो नीलहे साहबों की कोठियों के क़िस्से अच्छे

    जो चंपारण ही नहीं

    उत्तरी बिहार के

    मेरे घर के आस-पास भी

    नील की खेती करते थे

    नील, जो मेरे बचपन के घर में

    चूने में डलता था

    और अजब खुली-खुली

    बेघुटन आसमानी नीली होती थीं दीवारें...

    स्रोत :
    • रचनाकार : पंखुरी सिन्हा
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए