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मूली

muli

नोट

प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा दूसरी के पाठ्यक्रम में शामिल है।

नानाजी ने बग़ीचे में मूली बोई।

मूली से नानाजी बोले,

“उगो-उगो मूली। मज़बूत बनो

और लंबी हो।”

उग आई मोटी और लंबी मूली। नानाजी गए

उसे निकालने।

खींचते रहे, अपना पूरा ज़ोर लगाया,

मगर मूली को बाहर ला पाए।

तो फिर नानी को आवाज़ लगाई।

नानी ने थामा नाना को, नाना ने

थामा मूली को।

दोनों ने पूरा ज़ोर लगाया। मगर

मूली को दोनों निकाल पाए।

तभी नानी ने नातिन को बुलाया। नातिन ने थामा नानी को, नानी ने थामा नाना

को, नाना ने थामा मूली को, सबने मिलकर खींचा।

मिलकर पूरा ज़ोर लगाया।

मगर मूली को निकाल

पाए।

तब नातिन ने अपने कुत्ते को बुलाया। कुत्ते ने नातिन को थामा, नातिन ने नानी

को थामा, नानी ने नाना को थामा, नाना ने मूली को थामा, सभी ने मिलकर ज़ोर

लगाया। आख़िर मिलकर सबने मूली

को बाहर निकाल ही डाला!

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स्नेहलता शुक्ला

स्नेहलता शुक्ला

स्रोत :
  • पुस्तक : सारंगी (पृष्ठ 67)
  • रचनाकार : स्नेहलता शुक्ला
  • प्रकाशन : एनसीईआरटी
  • संस्करण : 2022
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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