मिस वीणावादिनी, तुम्हारी जय हो बेबी
miss winawadini, tumhari jay ho baby
हे वीणावादिनी, शुभ्रवस्त्रा देवी
तुम्हारी जय हो
तुम्हारे विलुप्तप्राय वाहन हंस की भी जय हो
जय हो हे कमलनयनी या नयनों की क्षीण ज्योति वाली
विद्या की देवी या अविद्या की, ज्ञान-अज्ञान की
तीक्ष्ण नाक, सुघड़ अधर, सुदीर्घ कंठ वाली
या चपटी नाक, मोटे अधर, छोटे कंठ वाली
उन्नत उरोज, क्षीण कटि, घने केश वाली
या सपाट उरोज, स्थूल कटि, श्वेत केश वाली
सुंदर रोमावलियुक्त योनि वाली
या श्यामवर्ण योनि वाली
कदलीस्तंभ के समान जंघाओं वाली
या मेद क्षीण होने की रेखाओं भरी जंघा वाली
धनुष के समान पिंडली वाली
या बबूल की छाल जैसी पिंडली वाली
तुम्हारे लालिमायुक्त चरणों की जय हो
तुम्हारे रजकणधूसरित बिवाई फटे पैरों की जय हो
तुम्हारे चरण के आभायुक्त नखों की जय हो
जय हो तुम्हारे नाख़ून के भीतर बैठे मैल की
पिता के प्रकोप से बची हुई
हे वाणी की देवी
तुम्हारी मूकता की जय हो
हे क्रोध, रोष, कालिमा से दूर रहने वाली
लक्ष्मी से विमुख करने वाली
तुम्हारी सहनशीलता की जय हो
हे पतिविहीन ज्ञान की साध्वी
अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाली
ममतामयी देवी
प्रकाश के क्रय-विक्रय में सफलता का वर दो
वर दो सेंसर से निडर होने का
समस्त उल्लुओं को ज्ञान का वर दो
हंसों को यातना का, अवसाद का वर दो
सभी वरों के एवज़ में
हम तुम्हें प्रणाम करेंगे
मूर्ति स्थापित करेंगे, 'जवानी के आग ना सहल जाला रजऊ' पर नृत्य करेंगे
पंडाल में नीला चलचित्र देखेंगे
उरोजों और कटि प्रदेशों पर प्रहार करते हुए विसर्जन करेंगे
प्रिय देवी, वीणावादिनी
हमें वर दो बेबी।
- रचनाकार : शुभम श्री
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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