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मेलेफिसेंट के लिए

melephisent ke liye

अणुशक्ति सिंह

अणुशक्ति सिंह

मेलेफिसेंट के लिए

अणुशक्ति सिंह

और अधिकअणुशक्ति सिंह

    मेलेफिसेंट* कभी कमसिन प्रेमिका थी।

    उतनी ही कमसिन और प्रेमिल

    जितनी क़ैस की ख़ातिर लैला

    फ़रहाद की ख़ातिर शीरीं।

    वह इश्क़ में जूलियट बन सकती थी

    गर उसकी मुहब्ब्त का नाम

    स्टीफ़न** की जगह रोमियो होता...

    उसने स्टीफ़न से प्रेम करना चुना था

    स्टीफ़न ने उसके प्रेम को तोड़ना

    पुरुष अक्सर एक वक़्त के बाद

    मुहब्ब्त भूल जाते हैं...

    स्त्रियाँ ठिठकी रह जाती हैं...

    पुरुष कहते हैं,

    मुझे मुहब्ब्त है।

    स्त्रियाँ उनकी आँखों में झाँकती हैं

    ज़ोर से पकड़ती हैं अपनी आत्मा को

    हौले से जवाब देती हैं,

    'हाँ, मुझे भी!'

    अपने टूटते मन को ऐसे ही संभाला होगा

    मेलेफिसेंट ने भी...

    लोग कहते हैं,

    स्टीफ़न ने कतर दिए थे

    मेलेफिसेंट के पर...

    वे नहीं जानते,

    इश्क़ में बौराई लड़कियाँ

    भूल जाती हैं उड़ना...

    वे चुनने लगती हैं घास और पत्थर,

    संजोने लगती हैं

    उससे महल बनाने का एक स्वप्न...

    जब स्वप्न टूटता है,

    वे बिखेर देती हैं,

    अपने ही हाथों अपना संसार

    और बन जाती हैं,

    सबकी निगाह में

    गंदी-दुष्ट औरत!

    वह औरत,

    जिसे कभी ख़ूब मुहब्ब्त करना आता था,

    जिसके हृदय को जकड़ लिया है

    बेरुखी की नमी ने

    वहाँ पसर गया है,

    वह असीम नमक

    जो उसने कभी देखा था,

    प्रेमी की आँखों के पार

    *मेलेफिसेंट : जादू की दुनिया की बुरी परी, कहते हैं जिसके पास अच्छा-सा दिल है।

    **स्टीफ़न : उसका मनुष्य प्रेमी जिसने अपने स्वार्थ की ख़ातिर उसके पंख कतर दिए थे।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अणुशक्ति सिंह
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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