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मैं लौटूँगा

main lautunga

विनय सौरभ

विनय सौरभ

मैं लौटूँगा

विनय सौरभ

और अधिकविनय सौरभ

    तबादले का मतलब

    एक शहर के जीवन से सभी चीज़ों का छूटना नहीं है

    एक शहर से विदा होने का मतलब

    स्मृतियों का समाप्त हो जाना नहीं है

    मैं कमान से निकला हुआ तीर नहीं हूँ

    जो नहीं लौटूँगा फिर!

    मैं लौटूँगा तुम्हारे पास

    पर उस तरह से नहीं

    जैसे लौटकर आते हैं

    हर बरसात में इस देश के कुछ हिस्सों में

    प्रवासी पक्षियों के समूह

    या जैसे लौट आते हैं

    वसंत के महीने में पेड़ों पर नए पत्ते

    या शाम आती है जैसे!

    नहीं लौटूँगा उस तरह से!

    जीवन में उम्मीद और

    किनारों पर लहरों की तरह लौटूँगा

    मैं तुम्हारी नींद में लौटूँगा

    किसी सुंदर सपने की तरह

    लौटूँगा तुम्हारी त्वचा और साँस में

    हवाओं के साथ

    शायद लौटूँ पंछी बनकर

    और तुम्हारे कमरे के रोशनदान पर बसेरा करूँ...

    बहूँ तुम्हारे रक्त में तुम्हारे कुएँ का जल बनकर

    बिखरूँ...

    गुनगुनी धूप का टुकड़ा बनकर

    सर्दियों के दिनों में तुम्हारी छत पर

    देखना, तुम्हारे घर की ख़ाली ज़मीन पर

    वनस्पति बनकर उगूँगा

    और चौके में आऊँगा तुम्हारे पास

    तुलसी की पत्तियाँ बन जाऊँगा तुम्हारे आँगन में

    तुम खाँसी की तकलीफ़ में उबालकर मुझे पीना!

    देखना मैं लौटूँगा कुछ ऐसे ही

    और वह लौटना दिखाई नहीं देगा!

    स्रोत :
    • रचनाकार : विनय सौरभ
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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