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मैं छोड़ जाऊँगा सच

main chhoD jaunga sach

राजकुमार केसवानी

राजकुमार केसवानी

मैं छोड़ जाऊँगा सच

राजकुमार केसवानी

और अधिकराजकुमार केसवानी

    मैं अपना सच

    छोड़ जाऊँगा

    एक बच्चे के पास

    उसे बता जाऊँगा

    सच का सच

    और बाज़ारों में जगमगाते

    झूठ का सच

    उसे कर दूँगा सावधान

    सच का सच है डरावना

    उसकी संगत है ख़तरनाक

    उसकी सोहबत में शामिल रहती है ग़ुरबत

    उसकी हाज़िरी से खाते हैं लोग दहशत

    क्योंकि वो है

    आईना-ए-तिमसालदार

    जिसमें दिखती है

    इंसाँ की सीरत

    जो खाती नहीं है मेल

    अक्सर उसकी सूरत से

    इसलिए

    डरता है वो सच से

    और उससे

    जो करता है सच की संगत

    स्रोत :
    • पुस्तक : बाक़ी बचें जो (पृष्ठ 112)
    • रचनाकार : राजकुमार केसवानी
    • प्रकाशन : शिल्पायन प्रकाशन
    • संस्करण : 2006

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