मच्छर
machchhar
मच्छर सुंदर संगीत का वाहक है।
एक उड़ता हुआ गवैया
जो अपने पंखों से मधुर संगीत उत्पन्न करता है।
जब वह आपके कान में गुनगुनाता है
तो दरअसल वह आपके और नज़दीक आने की गुज़ारिश कर रहा होता है।
वह आपके इतना क़रीब आना चाहता है
कि अपनी शहनाई-सी चोंच से आपके ख़ून तक में संगीत भर दे।
अपने ख़ून से आपके ख़ून में
वह प्लासमोडियम वैवाक्स का धारदार परकशन प्रवाहित करता है
जो आपके हीमोग्लोबिन को तबले-सा थपकाता है।
तभी तो आपके शरीर का तापमान गिरता और उठता है
आप थिरकते हैं, कँपकँपाते हैं, पसीने से सराबोर हो जाते हैं
दरअसल, मच्छर आपके ख़ून के आदिम संगीत का ग्राहक है
आपका ताली बजाकर उसका स्वागत करना
उसकी प्रतिभा का सम्मान ही तो है।
- रचनाकार : विजया सिंह
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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