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लोरियों के देश में वीडियो कॉल पर सो जाओ

loriyon ke desh mein wideo call par so jao

शाश्वत

शाश्वत

लोरियों के देश में वीडियो कॉल पर सो जाओ

शाश्वत

और अधिकशाश्वत

    सो जाओ

    यहाँ लोरियों के देश में

    चाँद अब आरे पारे नहीं आता

    तो सोने की कटोरी में दूध भात ले आता है

    यहाँ कोई हाथ अब तकिया नहीं बनता

    दादियों ने सारी कहानियाँ बीच में ही रोक दी हैं

    सो जाओ

    इसलिए भी

    कि कहानियों के बीच में रुकने से

    मामाओं ने घर का रस्ता भुला दिया है

    कि लोरियों के इस देश में

    इसलिए

    मैं तुम्हें वीडियो कॉल पर

    इधर-उधर की बातें करके सुला रहा

    सो जाओ।

    मैं कमज़ोर भाग्य का नवजवान

    जिसने लोरियाँ तो ख़ूब सुनी हैं

    ख़ूब सुनी हैं कहानियाँ भी

    मगर याद कुछ भी नहीं।

    फिर भी मुझे पूरा यक़ीन है

    कि उस सफ़ेद बाल वाली

    बूढ़ी महिला की आवाज़ में एक जादू रहा।

    उसकी बाँहों में रुई के फाहे रहे।

    उसकी थपकियों में नींद घर की दस्तक रही।

    जिसने किसी भी कहानी का अंत नहीं होने दिया।

    हर शाम वह उसी कहानी को

    नए किरदार गढ़ के आगे बढ़ाती रही

    तो इसलिए भी

    कि जारी रहे तुम्हारा किरदार

    यहाँ लोरियों के इस देश में

    तुम वीडियो कॉल पर

    मेरी बातें सुन कर

    उधर-इधर की

    सो जाओ।

    स्रोत :
    • रचनाकार : शाश्वत
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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