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पत्थर हो जाने के बाद

patthar ho jane ke baad

धर्मेश

धर्मेश

पत्थर हो जाने के बाद

धर्मेश

और अधिकधर्मेश

    लोग यह सुन-सुन कर थक गए

    मैं कह-कह कर नहीं थका

    मैं अपने भीतर महसूस करता हूँ एक विशाल अकेलापन

    वैसे ही जैसे ईश्वर ने महसूस किया होगा धरती के सृजन के पहले दिन

    कोई भी नहीं जिससे वह बोल सके

    जो उसकी बात सुन सके

    संभवतः इसीलिए ईश्वर ने चुना पत्थर का होना

    मुझे नहीं मालूम यह उसके लिए दुखद रहा होगा या नहीं

    हाँ, मुझे इतना मालूम है कि पत्थर हो जाने के बाद

    बहुत सरल हो जाता है जीवन जीना

    वह रह सकता है सदियों-सदियों तक

    आग, बारिश या धूप में बिना प्रभावित हुए

    हाँ, यह भी है कि पत्थर हो जाने के बाद

    किसी की देह का ताप नहीं गर्म करता उसे

    किसी के भी आँसुओं से नहीं पसीजता उसका हृदय

    किसी प्रेमी से मिल पाने पर नहीं हो उठती उसकी आत्मा कंपित

    स्रोत :
    • रचनाकार : धर्मेश
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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