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नवसंदेश-रासक

nawsandesh rasak

अविनाश मिश्र

अविनाश मिश्र

नवसंदेश-रासक

अविनाश मिश्र

और अधिकअविनाश मिश्र

     

    संदेश-रासककार अद्दहमाण (अब्दुल रहमान) के प्रति कृतज्ञतापूर्वक

    नवसंदेश-रासक

    [ प्रथम प्रक्रम ]

    वर्षावास : परम्परा 

    हे परस्परविरुद्धो,
    सुच्छंद-छद्ममय-रहित 
    समूल और निर्मूल 
    सूक्ष्म और स्थूल
    सुंदर और कुरूप 
    अनुलोम और प्रतिलोम 
    मूक और वाचाल  
    सब होकर देख चुकी हूँ—
    महत्त्वकांक्षा से मुक्ति नहीं।

    चाहती हूँ बरस जाना—
    दुःख पर दुःख लेकर 
    बरसती हूँ
    खुलता नहीं आकाश,
    न संदेह।

    पंक में पंकज पर
    स्थिर जल-बूँद-सी—अस्थिर 
    दमन की प्रतीक बन 
    झूलती हूँ
    फिर-फिर झू-ल-ती हूँ...

    विस्तीर्ण हूँ बहुत मैं 
    कुकवित्त के लिए भी स्थल हैं—
    मुझ में 
    तू इस स्थल में ही रह 
    पर रह
    मुझ में रह
    —विद्वता और मूढ़ता—
    दोनों ही से बच कर 
    र-ह।    

    मैंने अन्यमनस्कता के साथ कविताएँ लिखीं,
    अन्यमनस्कता मेरी समकालीन थी      

    [ द्वितीय प्रक्रम ]

    विरहायण : स्थिति 

    असह्य है आषाढ़—
    विरहिणी ही जानती है यह 
    कभी-कभी विरही भी—
    प्रत्येक व्यक्ति-विवेक नहीं, 
    प्रत्येक काल में—
    विरह और विरति।

    सँदेसे अब संदेश-से रहे नहीं!
    नहीं रहे!

    मेरे कष्ट को नष्ट किया उसने,
    उसे कष्ट देते ही नष्ट हुआ मैं  

    [ तृतीय प्रक्रम ]

    ऋतुवर्णन : प्रसंग 

    विगत गर्मियों से विकट गर्मियाँ गईं
    वर्षा में न स्नेह बरसा 
    शरद दरद-सा
    हेमंत पंथविहीन 
    विगत सर्दियों से विकट सर्दियाँ गईं 
    वसंत कंतविहीन!

    मैं 
    राह में रहा
    उत्पात-सा 
    रात-सा—सवेरा (है)
    प्रसंगभ्रष्ट सब वैभव मेरा 

                             
    स्रोत :
    • रचनाकार : अविनाश मिश्र
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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