केवल आँख बना देने से क्या होता है
kewal ankh bana dene se kya hota hai
केवल आँख बना देने से क्या होता है?
दृश्य भी तो होना चाहिए
विविध रंगों में छटपटाता
ख़ून के कई रंग होते हैं
लाल तो सिर्फ़ नाटक है
और कई रंगों में क्रूरता अपना नाच दिखाती है
केवल आँख से क्या होता है?
देखकर भी अनदेखा किया जा सकता है
खजूर का गड़ता हुआ काँटा
अंधी आँख को क्या कुछ और बनाएगा?
जलता हुआ सूखा जंगल?
केवल आँख से क्या होता है?
सबूत के लिए राख भी होगी
और वे उसे जला हुआ धोखा कह देंगे
हड्डियों का चूरा और बच्चों के कोमल मांस के टुकड़े
इस शताब्दी के महाभोज में व्यंजन होंगे
केवल आँख से क्या होगा?
बर्बरता ने बहुत पहले ही जिसे फोड़ दिया है
- पुस्तक : कवि ने कहा (पृष्ठ 40)
- रचनाकार : ऋतुराज
- प्रकाशन : किताबघर प्रकाशन
- संस्करण : 2009
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