कविता सुनने जा रहे है कैसियस क्ले
kawita sunne ja rahe hai kaisiyas kle
आर्यनील मुखोपाध्याय
Aryanil mukhopadyay
कविता सुनने जा रहे है कैसियस क्ले
kawita sunne ja rahe hai kaisiyas kle
Aryanil mukhopadyay
आर्यनील मुखोपाध्याय
और अधिकआर्यनील मुखोपाध्याय
कैसियस क्ले एक बॉक्सर है!
कैसियस क्ले जिसके नाम का झंडा
काली दुनिया की हर गड़ही में उन दिनों
कैसियस क्ले — फिर भी वह सादी चमड़ी से घिरा
बीट कविता सुनने जा रहा है हर शाम —
कैसियस क्ले — नज़दीक से जो कोलाहल सुनाई देता
वह उन्हीं भिखमंगों का है।
कैसियस क्ले, जिसके गीत बॉक्सर को तितली या मधुमक्खी बना डालते
निर्गुण मिठास में नहीं, चौंकते दैहिक में...
उसी उत्तेजना की नब्ज़ पकड़े बैठा हूँ चालीस वर्षों बाद
शिकागो के बस-स्टॉप में... सामने वाले सिंह द्वार को
पार करने पर जो भवन है, उसका नाम — मुहम्मद अली!
कविता की काल्पनिक शब्दधारा में निःशब्द किस तरह, कब और क्यों
एक बॉक्सर डुबोता है नसकटे हाथ को, पुण्य कमाता है
मंद-मंद मुस्कुराता है, उसकी आँखें बंद होती जाती हैं —
कैसियस क्ले!
कविता की भी मुट्ठी है यह जानकर ही कोई-कोई बॉक्सर बनता है...
- पुस्तक : अधुनांतिक बांग्ला कविता (पृष्ठ 129)
- संपादक : समीर रायचौधुरी, ओम निश्चल
- रचनाकार : आर्यनील मुखोपाध्याय
- प्रकाशन : परमेश्वरी प्रकाशन
- संस्करण : 2004
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