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जितने मुँह उतनी बातें

jitne munh utni baten

नीलेश रघुवंशी

नीलेश रघुवंशी

जितने मुँह उतनी बातें

नीलेश रघुवंशी

और अधिकनीलेश रघुवंशी

    लोग तो जाने क्या-क्या कहते हैं

    कोई कहता है

    अगर खट्टे पर मन जाता है तो लड़की होती और मीठे पर जाए तो लड़का

    नाभि के नीचे से एक लकीर उभरती है

    नकीर काली तो लड़का, कत्थई या मैरून तो लड़की

    (यह सुनने के बाद मैंने भी लकीर देखी)

    कोई पेट सामने की ओर बढ़े तो लड़का

    कहते हैं लड़का सामने की ओर होता है और लड़की बग़ल में

    और सुनो मज़े की बात,

    लड़के माँ का रूप चुरा लेते हैं इस समय

    और लड़कियाँ एकदम से रूप में निखार ला देती हैं

    तुम चाहे जो कोई भी हो, जब मेरे पास रूप है ही नहीं तो

    क्या तो तुम चुराओगे और क्या ही उसमें निखार लाओगे!

    स्रोत :
    • रचनाकार : नीलेश रघुवंशी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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