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झुँझनू 2015

jhunjhanu 2015

गिरिराज किराडू

गिरिराज किराडू

झुँझनू 2015

गिरिराज किराडू

और अधिकगिरिराज किराडू

     

    उसने कमरे को ऐसे देखा मानो वह सुकरात है और
    उस कमरे में बैठे जिज्ञासुओं से संवाद शुरू कर रहा है
    एक लड़के के कान में रब्बी शेरगिल बज रहा था
    उसकी पूर्व प्रेमिका के कान में अइयईयो नेंजू वलयूधड़ी*
    उसने पूछा कि कक्षा से यदि तुम सोचते नहीं तो तुम होते
    लामा कहे जाने वाले ने कहा हूँ तो सोच भी लेता हूँ

    खाना बिना अलंकार के लगा हुआ था
    सफ़ाचट सर वाली एक लड़की ने सुर लगाना शुरू किया
    कहब तो लग जाय ठाठ से

    ________________

    * https://www.youtube.com/watch?v=34bZPf9KOsg&feature=emb_title

    स्रोत :
    • रचनाकार : गिरिराज किराडू
    • प्रकाशन : सदानीरा वेब पत्रिका

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