जनादेश एक मज़ेदार चीज़ होती है
janadesh ek mazedar cheez hoti hai
जैसे '93 के चुनावों ने धर्मनिरपेक्षता का जनादेश दिया
जैसे '91 के चुनावों ने सांप्रदायिकता का जनादेश दिया था
जैसे हिमाचल के सेबों ने
डंकल को समर्पण का जनादेश दिया
जैसे आर्थिक गड़बड़ और भ्रष्टाचार को और बढ़ाने का जनादेश मध्य भारत से मिला
जैसे राजस्थान ने सांप्रदायिक और धर्मनिरपेक्ष भ्रष्टाचार के बीच आवाजाही का जनादेश दिया
जैसे अयोध्या सांप्रदायिक और फ़ैज़ाबाद धर्मनिरपेक्ष साबित हुए
और दिल्ली ने मंदिर वहीं बनाने का जनादेश दिया
फिर जो माँगोगे वही मिलेगा
बुद्धिख़ोरों को बुद्धिख़ोरों जैसा
लालू को लालू जैसा
हेगड़े को जो जनादेश मिला
उससे वी. पी. सिंह को बड़ी मुश्किल होती
सो उन्होंने लालू वाले जनादेश को हेगड़े के पीछे लगाया
ऐसा कुछ माँ का आशीर्वाद है
लोकतंत्र के दरबार से कोई ख़ाली नहीं जाता
चाहे जो मजबूरी हो
वामपंथियों को हमेशा वामपंथियों जैसा मिलता था
भाजपा को भाजपा जैसा
चुनाव कहीं भी हों
जनादेश मिलता था हरकिसन सिंह सुरजीत और भजनलाल को
और उत्तर प्रदेश में तो वोटिंग पैटर्न पर विचार इस क़दर हावी रहा
कि कल्याण सिंह को कल्याण सिंह वाला मिला
मुलायम सिंह को मुलायम सिंह वाला
कांशीराम ने कांशीराम वाला जनादेश लेकर
पासवान वाले जनादेश में गड़बड़ कर दी
और जो जनता '91 में सांप्रदायिक थी
वह तो '93 आते-आते हो ली धर्मनिरपेक्ष
और इस भगदड़ में किसी को ध्यान ही नहीं रहा
कि किसी को ब्रीफ़केस वाला जनादेश मिला
किसी को सूटकेस वाला
इतना इंतज़ाम तो इंदिरा जी कर ही गईं
कि पत्रकारों-वकीलों-प्रोफ़ेसरों के जनादेश
उनकी नियुक्तियों में निहित होते थे
आर्थिक विषमता के इस लोकतंत्र में
अपने-अपने मुवक्किलों के ऐतबार से
सबको अपने-अपने जनादेश
मतदान से पहले ही मिल जाते थे
लेकिन इनमें सबसे दिलचस्प होते थे
कवियों लेखकों-चिंतकों-विश्लेषकों को मिले परदेसी जनादेश
जो बुद्धिघुट्टी के साथ पहुँचते थे और घर तक पहुँचाते थे
किसी को रूस से किसी को चीन से किसी को अरब से
बाक़ी बचे हुओं को अमेरिका से
इतने मुस्तनद और होशरुबा
कि सच्चाइयाँ बदल जाएँ
बन्द मतपेटियाँ इकट्ठा करके समुद्र में फेंक दी जाएँ
इनके जनादेश पर शिकन नहीं आती थी।
- रचनाकार : संजय चतुर्वेदी
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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