वह जो इतिहास का बड़ा-सा पत्थर है
कुचलना चाहता है मुझे
बदलना चाहता है मेरे भूगोल को
जिस पर बैठकर लिखा जा सके
एक नया इतिहास
सुना है
वह पत्थर
पहले से ही कुचलता आया है
हमारे जैसे लोगों को।
- रचनाकार : धनंजय मल्लिक
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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