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ईश्वर की छुट्टियाँ

ishvar ki chhuttiyan

मिथिलेश प्रियदर्शी

मिथिलेश प्रियदर्शी

ईश्वर की छुट्टियाँ

मिथिलेश प्रियदर्शी

और अधिकमिथिलेश प्रियदर्शी

    कितने अमानवीय हो तुम

    हर रोज़ प्रार्थनाओं में सुबह-सकारे पकड़ा देते हो ईश्वर को

    अपनी उम्मीदों, दुखों, चाहतों, महत्वाकाँक्षाओं का लंबा पुलिंदा

    और वह जुत जाता है अरबों ऐसी प्रार्थनाओं के पीछे

    उसके कैलेंडर में नहीं होता कोई इतवार

    नहीं लिख पाता छुट्टियों के लिए आवेदन

    नहीं होती कोई यूनियन

    वह नहीं जा पाता किसी हड़ताल पर

    होली, दशहरे, ईद जैसी छुट्टियों में भी उसे नहीं मिलती छुट्टियाँ

    शहर के व्यस्तम चौक पर तैनात किसी सिपाही की तरह

    मुस्तैदी से निभानी पड़ती हैं ज़िम्मेदारियाँ

    दीवाली की रात भी सूने हॉस्पिटल में बैठकर किसी डॉक्टर की तरह

    जले आदमी का करना पड़ता है इंतज़ार

    कितने अमानवीय हो तुम

    बॉस से सिर दर्द का बहाना कर झूठी छुट्टियाँ लेते हुए

    तुम नहीं सोचते ईश्वर की छुट्टियों के बारे में

    कि उसकी वैसाखियों के बिना ही

    पूरे कर सको अपने काम, बिना हाथ फैलाए निभा सको अपनी ज़िम्मेदारियाँ

    वह भी तुम्हारी ज़रूरत-बे-ज़रूरत की प्रार्थनाओं से निकलकर

    धो सके अपने बदबूदार मोज़े, चिकट होती क़मीज़ें

    पत्नी के लिए कर सके थोड़े सुकून से उसकी पसंद की ख़रीददारी

    रोज़ के उबाऊ लड्डू से इतर

    पका सके अपने मनपसंद कच्चे गोश्त की बिरयानी

    वोदका के हिंडोले पर झूमता हुआ कर सके एक लंबा संतोषप्रद संभोग

    अतिरिक्त बेस वाले हेडफ़ोन को कानों पर चढ़ाकर देख सके अपने प्यारे नायक की फ़िल्म

    घूम सके पलामू के लाल पलाश वाले जंगलों में

    तुम्हारी छुट्टियों से कम ज़रूरी नहीं हैं उसकी छुट्टियाँ

    ईश्वर है वह, बंधुआ मज़दूर नहीं

    वह भी आता है श्रम क़ानूनों के दायरे में

    नहीं कर सकता वह आठ घँटे से ज़्यादा काम

    नहीं खट सकता बेगारी

    ऐसे तो समय से पहले झुक जाएगी उसकी कमर

    मोतियाबिंद से भर जाएँगी उसकी आँखें

    किसी मज़दूर की तरह पचपन में ही हो जाएगी उसकी असामयिक मौत

    उसे छुट्टियों की सख़्त ज़रूरत है

    आख़िर वह ईश्वर है उस पर दुनिया चलाने का ज़िम्मा है

    इसलिए थोड़ी दया, थोड़ी सहानुभूति दिखाते हुए

    तुम्हें बिना ईश्वर के काम करने की आदत डाल लेनी चाहिए।

    स्रोत :
    • रचनाकार : मिथिलेश प्रियदर्शी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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