स्त्री लिखती है
मामूली चीज़ों और
साधारण घटनाओं पर कविता
और हो जाते हैं पाठक उसके प्रसन्न
स्त्री अगर किसी दिन लिख देती है
कोई ग़ैर मामूली चीज़
और अपने जीवन की बड़ी घटना के बारे में
पाठक उसके फुसफुसाते हैं
अरे यार यह तो ऐसी निकली!
इंतज़ार करें
किसी दिन मैं भी ऐसी निकलूँगी।
- पुस्तक : अपने आकाश में (पृष्ठ 85)
- रचनाकार : सविता भार्गव
- प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
- संस्करण : 2017
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