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इंतिज़ार करना, प्रेम करना है

intizar karna, prem karna hai

शोभा अक्षर

शोभा अक्षर

इंतिज़ार करना, प्रेम करना है

शोभा अक्षर

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    ‘इंतिज़ार’ सिखाता है

    ठहरकर, पेड़ से गिरे पीले-पत्तों को

    देखने का सही सलीक़ा

    तभी मन बुनता है

    वसंत के धागों से

    एक ग्रह, प्रेम का

    यह ग्रह गोल नहीं है

    यहाँ अनगिनत कोने हैं

    बैठकर इंतिज़ार करने के लिए

    हर कोने पर यहाँ

    रखी हुई है सतरंगी बेंच

    इंतिज़ार करना, प्रेम करना है

    जो पेड़ से फूल तोड़ने में

    झिझकते हैं

    वे प्रेम करना जानते हैं

    वे इंतिज़ार करते हैं

    फूल के झरने का

    स्रोत :
    • रचनाकार : शोभा अक्षर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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