हम धरती के लाल
hum dharti ke lal
नोट
प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा सातवीं के पाठ्यक्रम में शामिल है।
देश हमारा, धरती अपनी, हम धरती के लाल,
नया संसार बसाएँगे, नया इंसान बनाएँगे।
सूख-स्वप्नों के स्वर गूँजेंगे, मानव की मेहनत पूजेंगे,
नई कल्पना, नई चेतना की हम लिए मशाल—
समय को राह दिखाएँगे।
एक करेंगे हम जनता को, सीचेंगे समता ममता को,
नई पौध के लिए पहन कर जीवन की जयमाल—
रोज़ त्योहार मनाएँगे।
सौ-सौ स्वर्ग उतर आएँगे, सूरज सोना बरसाएँगे,
दूध पूत के लिए बदल देंगे तारों की चाल—
नया भूगोल बनाएँगे। नया संसार बसाएँगे।
- पुस्तक : दूर्वा (भाग-2) (पृष्ठ 57)
- रचनाकार : शील
- प्रकाशन : एनसीईआरटी
- संस्करण : 2022
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