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हत्यारिन

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आशीष यादव

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और अधिकआशीष यादव

    कुछ दबंगों ने 'ना' कहने पर

    भीखू की लड़की का जिस्म नोचकर

    नदी के तीरे बबूल के पेड़ पर टाँग दिया

    सरकारी दस्तावेज़ों में दर्ज है

    दहेज देना पड़े

    इसलिए भीखू ने ऑनर किलिंग की।

    जो सैनिक सरहद पर शहीद हुआ

    मुआवज़े की राशि के ख़ातिर

    दर-दर भटकती उसकी विधवा ने

    कल ही कुएँ में कूदकर जान दे दी

    किसी के आँख से एक बूँद

    आँसू भी छलका

    जानते हो क्यों?

    क्योंकि लोगों ने कहा

    पति के जाने के बाद 'छुट्टा' हो गई थी

    सरकारी बाबू से चक्कर था।

    शहर के छोर पर बसी

    ग़रीबों की बस्ती में आग लगाई गई

    बस्ती जलकर ख़ाक हो गई

    कोई नहीं बचा

    सिवा दहकती लाशों के

    वहाँ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बना

    इन्वेस्टीगेशन टीम ने

    आग की वजह शॉर्ट शर्किट बताया।

    मज़दूरों को मेहनताना नहीं देना पड़े

    तो ठेकेदार ने बिल्डिंग की लिफ़्ट ख़राब कर दी

    सारे मज़दूर बेमौत मारे गए

    सुबह अख़बार में ख़बर छपी

    छोटी सी चूक ने ली

    दस मज़दूरों की जान।

    कई लड़के एक साथ

    एक ही वक़्त पर

    कमरे में फाँसी लगाकर मर गए

    जिस परीक्षा में सफल होने की भरपूर संभावना थी

    उसे धाँधली का हवाला देकर रद्द कर दिया गया

    डॉक्टर्स की टीम ने

    मौत का कारण स्ट्रेस बताया

    सिस्टम सरकार संलिप्त अधिकारी बाइज़्ज़त बरी हुए

    इसी तरह कई लाशें मिलीं

    कुछ कुओं में

    कुछ पंखों पर

    कुछ सड़क पर भिनकतीं

    कुछ पेड़ पर लटकतीं

    कुछ झाड़ियों में

    दस्तावेज़ों में सबकी मौत का कारण

    भले अलग-अलग दर्ज हो

    पर वे सारी एक ही सड़ी व्यवस्था की शिकार हुईं...

    स्रोत :
    • रचनाकार : आशीष यादव
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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