हर दबाव रचना का दुश्मन है
har dabaw rachna ka dushman hai
कृष्ण मुरारी पहारिया
Krishna Murari Pahariya
हर दबाव रचना का दुश्मन है
har dabaw rachna ka dushman hai
Krishna Murari Pahariya
कृष्ण मुरारी पहारिया
और अधिककृष्ण मुरारी पहारिया
हर दबाव रचना का दुश्मन है
फिर चाहे वह प्यार भरा ही हो
साथी की मनुहार भरा ही हो
रचना है स्वतंत्र चिंतन की सीमा
रचना अंतर-राग बज रहा धीमा
रचना उगते तत्त्वों की पहचान
रचना है जड़ता में जीवित प्राण
हर कसाव रचना का दुश्मन है
बाँहों के गलहार भरा ही हो
छपने या बिकने की सारी शर्तें
मढ़ना चाहें व्याकुल मन पर पर्तें
कैसी है यह अभिशापी शुभचिंता
दफ़ना दे जो रचना को ही ज़िंदा
हर दुराव रचना का दुश्मन है
नयनों में सत्कार भरा ही हो
- पुस्तक : यह कैसी दुर्धर्ष चेतना (पृष्ठ 61)
- रचनाकार : कृष्ण मुरारी पहारिया
- प्रकाशन : दर्पण प्रकाशन
- संस्करण : 1998
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