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घरों में प्रवेश के लिए

gharon mein prawesh ke liye

नवल शुक्ल

नवल शुक्ल

घरों में प्रवेश के लिए

नवल शुक्ल

और अधिकनवल शुक्ल

    बहुत दिनों से कोई मेरे घर नहीं आया

    तो मैं सबके घर गया

    सबने कहा, कोई नहीं आता अब

    कोई नहीं।

    कुछ समय से बदल रहीं थी वह जगह

    और साथ-साथ घर

    बहुत सारी उपयोगी चीज़ें पड़ी थीं बदलने के लिए

    बहुत सारी अनपेक्षित वस्तुएँ इंतज़ार में थीं

    घरों में प्रवेश के लिए।

    हम किसी घर की जगह बाज़ार जाते

    और वापस अपने घर लौट आते

    फिर बहुत दिनों बाद

    जब नहीं आता कोई

    तो कुछ इसी तरह की बातें करते।

    स्रोत :
    • पुस्तक : दसों दिशाओं में (पृष्ठ 23)
    • रचनाकार : नवल शुक्ल
    • प्रकाशन : आधार प्रकाशन
    • संस्करण : 1992

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