Font by Mehr Nastaliq Web

गीत जो मरता नहीं

geet jo marta nahin

अनुवाद : शशी मुदीराज

देवरकोण्ड बालगंगाधर तिलक

और अधिकदेवरकोण्ड बालगंगाधर तिलक

    भैया !

    शतधा विभक्त इस हृदय में

    सुनाई दे रहा संगीत अभी तक

    जागा है विश्वास —मरूँगा नहीं मैं

    जागी है चाह, कहूँ ऊँचे कंठ से पुकार

    नहीं है मरण मेरे लिए

    भैया

    एक ही घत-प्रहार से

    उछले हुए रक्त को पोंछने के भीतर ही

    प्राणों की सुर-वधु

    खड़ी होती है

    मोतिये के सुंदर मँडवे तले

    बुलाती है हँस कर

    मुख पर से ढुलकते स्वेदकण

    पोंछती है मेघों के लहराते आँचल से

    भैया

    आशा के चंद्र भवन में मेरे

    समय पिघल कर बन गया है चाँदनी

    बन गया है भाव मेरा झंकार वीणा की

    गीत मेरा बन गया नूपुरों का चल निनाद

    मैं यौवन के आनंद–जीवन-वन के

    एक निशांत की ओस-बूँद का भी पान कर लूँ

    कौमुदी की एक शीतल किरण-रेखा ढाल कर दूँ

    करूणामय एक आहट ध्वनित कर दूँ—

    तो

    करोड़ों फूल खिल जाते

    करोड़ों मुसकान बिछ जाती

    भैया—

    जब दूर तट पर नाव के सफ़ेद पाल फहरते

    भाव-हृदय जब खींचता निश्वास-वायु

    हँस उठता जब एक दुःखी जन

    आँख खोलता एक पतित जब

    पा लोगे मेरा पदचिह्न वहाँ—

    आह्लादित करेगा मेरा संदेश वहाँ

    अश्रु के संगीत में।

    स्रोत :
    • पुस्तक : शब्द से शताब्दी तक (पृष्ठ 50)
    • संपादक : माधवराव
    • रचनाकार : देवरकोण्ड बालगंगाधर तिलक
    • प्रकाशन : आंध्र प्रदेश हिंदी अकादमी
    • संस्करण : 1985
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए