और वह ठीक-ठीक यह नहीं जानती थी
कि वह राजकुमारी है भी या नहीं
और जो राजघराने के लोग थे
या जो बाक़ी दुनिया के लोग थे
उनमें भी किसी को ठीक-ठीक यह पता नहीं था
कि वह राजकुमारी है भी या नहीं
कहा जाता था कि वह जिस चीज़ को छूती थी वह सोना हो जाती थी
हालाँकि दुनिया को सोने की नहीं
अन्य चीज़ों की ज़ुरूरत थी
अब सैवलॉन और फ़ॉर्मेलीन से उसके शव और उसके इतिहास की सफ़ाई हो रही थी
कहा जा रहा था वह शहीद हुई है
वह बहिश्त में न्याय और करुणा का सितारा बन चुकी है
प्रेम और क्षमा का फ़रिश्ता
वह देवी हो गई है उनके हृदय में
कल तक जो लोग उसके उपभोक्ता थे
वह कुछ-कुछ अभागी थी
लेकिन इतनी भी नहीं कि दुनिया के आम इंसानों की तरह अपनी सज़ा तक पहुँचे
ज्ञान या सेवा के क्षेत्र में उसका कोई विशेष योगदान नहीं था
किसी को इसमें दिलचस्पी भी नहीं
क्योंकि तमाशा उसका बड़ा
और लगातार था
उसने महलों से हिसाब करने में मीडिया का
और मीडिया से हिसाब करने में महलों का इस्तेमाल किया
और जब उसकी समझ में आ गया कि आज की सत्ता महलों से बाहर रहती है
उसने असली सत्ता में अपनी जगह बनाई
वह ग्लैमर के मार्फ़त बाज़ार पर और बाज़ार के मार्फ़त संसार पर सवार हुई
उसने समझ लिया था कि ग्लैमर और चैरिटी उस एक ही सिक्के के दो पहलू हैं
जो आज के बाज़ार की सबसे कामयाब मुद्रा है
यह संसार महान दयालुओं से भरा पड़ा था
हालाँकि संसार में दया की नहीं बराबरी की ज़ुरूरत थी
दो करोड़ पाउंड के सौदे पर उसने राजघराने से तलाक़ लिया
लेकिन उसने कभी महलों को नहीं छोड़ा
वह हर माह कोई चार हज़ार पाउंड अपने बालों की रँगाई पर ख़र्च करती थी
उसने तमाम अरबपतियों के साथ छुट्टियाँ बिताईं
वह समय-समय पर
बहुत से अमीर और असरदार लोगों के बच्चों की माँ बनना चाहती थी
और इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता
क्योंकि यह उसका ज़ाती मामला था
हालाँकि ऐसा न करके उसने ठीक ही किया
क्योंकि जीवित रहने पर भी वह उन बच्चों को अजीब-सी स्थिति में छोड़ती
महलों से निकलकर वह वासना की सुरंग में घुसी
और एक दिन ताबड़तोड़
जब वह उस सुरंग में टकराकर मरी
वह कोई महान कार्य नहीं कर रही थी
उसके ताबूत का भी काफ़ी तमाशा हुआ
क्योंकि जो लाखों लोग मीडिया के तमाशे को गालियाँ दे रहे थे
उसकी मौत का तमाशा चाहते थे
असाधारण आवरण वाली
एक साधारण औरत की मौत का अलौकिक पूजन शुरू हुआ
और दुनिया का सबसे पुराना, सबसे बड़ा
और सबसे पाखंडी ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन
दुनिया के पर्दे पर नंगा हो गया
लोगों ने अपने-अपने हिसाब बराबर किए
यार लोगों और भाई-भतीजों ने
जिसे जैसा मिला
लोगों के पैसे पर मंच का उपयोग किया
छोटी-छोटी और घटिया हरकतों के बीच
लाखों में क़ौम और क़ौमियत का जज़्बा भी पैदा हुआ
और अंततः
न्यूटन, एलियट, डिकिन्स और डार्विन की अभागी क़ौम
अपने अभागे दिनों में
राजकुमारी के ताबूत पर तमाम हुई
बाज़ार के पाखंड ने
चर्च में घुसकर
हवेलियों के पाखंड को विस्थापित किया
जीसस तो दो हज़ार साल पहले ही सलीब पर चढ़ चुका था
ईश्वर तू हम सबको माफ़ करना
हममें से किसी को भी पता नहीं था
कि हम सब क्या कर रहे थे।
- रचनाकार : संजय चतुर्वेदी
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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