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एक रात की प्रतीक नींद

ek raat ki pratik neend

सत्यव्रत रजक

सत्यव्रत रजक

एक रात की प्रतीक नींद

सत्यव्रत रजक

और अधिकसत्यव्रत रजक

    इसलिए भी नींद लेनी चाहिए

    ताकि सपनों से बचा जा सके

    जो टहनी पर बैठती है चिड़िया

    वह कोहनी पर बैठे

    इसलिए भी नींद लेनी चाहिए

    बंदूक़ और चिड़िया समांतर भी हों

    तो बनी रहें

    कीलें दीवारों में लगी रहें

    झूलते रहें बस्ते, बस्तों के बीच

    फब्बारे, फब्बारों के बीच

    नदी नदी में रहे

    समुद्र से अलग उछल पड़े एक मछली

    तो उसे मछलियाँ मिलें

    ग्राहकों को दूध मिले

    इसलिए भी नींद लेनी चाहिए

    कि एक रात की नींद को प्रतीक कह सकें।

    स्रोत :
    • रचनाकार : सत्यव्रत रजक
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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