एक दिल होता है
ek dil hota hai
एक दिल होता है
उसके चार कोने होते हैं
चार कमरे भी होते हैं
हर कमरे के हिस्से में दिल का एक कोना आता है
एक में रहता है दुनिया का विकास
दूजे में रहती हैं मेरी अपनी क्रांतियाँ
तीसरे कमरा जनरल स्टोर है
तुम जिस कोने में रहते हो वो मेरा अपना कमरा है
और मैं उधर सुनहरी मछली बनकर तैरती रहती हूँ
गलफड़ों से ऑक्सीजन की तरह तुमको पीती रहती हूँ
- रचनाकार : माघुरी
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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