कोरोना समय में : एक अधूरी कविता
korona samay mein ha ek adhuri kawita
क
हवा मौत से भरी हुई है दिल ज़ख़्मी है
सन्नाटे में ख़ौफ़ बुन रहा ताना-बाना
कोई है जिसको छू लूँ और गले लगा लूँ
डर उठता है गिरता है मन के पिंजरे में
छू लेने से नेह-नगर का खुलता है दरवाज़ा
दोस्त-यार सब छू लेने से ही बनते-होते हैं
वही राह है जिस पर बिना शब्द के भी हम
चलकर आए दुनिया जैसी है छूने से भरी हुई है
छू लेने के जो ख़िलाफ़ थे वे भी
अपनों को छू कर ही जाना करते थे दुनिया को
छूने की ताक़त से डर कर ज़ाति-सीख़चे बने
छूने के जादू से दुनिया बदल रही पुरखिन को दे दी क़ैद उन्होंने
हूक उठ रही है सब कुछ है कितना नश्वर
सच जो छूने से बनता था छूट गया है
रंग, गंध, आवाज़ें, स्वाद बिना छूने के
सिफ़र रहेंगे क्या तुमको है क्या छुआ किसी ने
मिट्टी, पत्ते, घास, धूप की छुवन समेटे
जल-थल-नभ को छू कर प्रमुदित जीव-जंतु सब
हमने अपने लिए बनाई ऐसी दुनिया
छूना भी मुश्किल होता जाता है अब तो
ख
याद है वो शाम जब तुमने छुवा था
देह के सब तार झन-झन बज उठे थे
दिल पर बारिश की बूँदें थीं ढुलक रहीं
गोल-मुलायम-नन्हीं-गीली
तरल हो गए थे दुनिया के सारे दुःख
सुख से आलिंगन बँधे
इश्क़ के किवाड़ पर
पहली मीठी थपकी की प्रतिक्रिया याद है
बहुत मुलायम रंगों वाली
मीठी-सी वह गंध उठी थी धीरे से
रिसती जाती थी भीतर तक
सपने के भीतर जगना था मानो
आँखें एकटक देख रही थीं ऐसी लीला
स्मित से भीगी जाती थी त्वचा
समय के घोड़े रुक कर झाँक रहे थे
ठहर गई थी गाढ़ी हवा
ग
छुवन, मोहब्बत ढोने की गाड़ी है
धीमी मगर मज़बूत, गहरी और ख़ूब सारी जगह वाली
जिन्हें शब्दों के राजमार्ग की कोई ज़रूरत नहीं
मन की आज़ाद राहों पर वह दौड़ती वह वक्र बंकिम चाल
उन्हीं आज़ाद सड़कों पर दिखेंगे
ज़िंदगी की मुस्कुराहट और उदासी के
मरम छूते, दिल जगाते विविध क़िस्से
सभ्यता के लोभ ने स्पर्श को वर्चस्व से मारा
घ
सिर्फ़ छूने की कथा यह नहीं प्यारे दोस्त
सभी संवेदन भटक कर राह लड़खड़ाते
घूमते ज्यों धुँधलका-सा छा गया हो सब तरफ़
आँखें देखती हैं वह दिखाई नहीं देता जो
महकती है बू जिसे लेकर हवा आई नहीं
वह सुनाई दे रहा जो नहीं बजता
और ज़ुबान तो जाने कभी से नहीं क़ाबू में रही आई
कहें क्या उसकी बाबत
किस पर भरोसा करें शायद झूठ हो यह सब
या कि शायद झूठ ही सच हो गया है
वर्चुअल, रियल है या फिर रियल सारा वर्चुअल है!
- रचनाकार : मृत्युंजय
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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