Font by Mehr Nastaliq Web

इस देश में संख्या ही तो रहती है

is desh mein sankhya hi to rahti hai

त्रिभुवन

त्रिभुवन

इस देश में संख्या ही तो रहती है

त्रिभुवन

कुछ लोग कहते हैं इस देश में लोग रहते हैं

मुझे लगता है, इस देश में सिर्फ़ एक संख्या भर रहती है

अगर यह जुलाई 2021 है तो

यह संख्या 36 मुसलमान और 15 हिंदू है

इसे आप दिल्ली दंगा भी कह सकते हैं

यह संख्या मुज़फ़्फ़रपुर में

42 मुसलमान और 20 हिंदू हो सकती है

लेकिन हाे सकता है आपको उसमें 50 हज़ार मुसलमानों का

विस्थापन कभी दिखाई नहीं दे!

यह संख्या अगर 1984 के एक नवंबर से तीन नवंबर के महज़ तीन दिनों में गिनी जाए

तो यह सिर्फ़ 3350 होती है

आप इसे इतने सिखों का एक नरसंहार कहते होंगे

या अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इसके लिए

पोग्रोम, जेनोसाइड, मास रेप, एरज़ॉन, एसिड थ्राॅइंग

या इमोलेशन जैसे शब्द भी पढ़े जाते होंगे,

लेकिन यह संख्या ही तो है!

यह बंदूक़ों और बम धमाकों का खू़बसूरत कश्मीर हो सकता है,

और जहाँ सतत नरसंहार जारी है

जहाँ कुछ लोग सुरक्षा सैनिक और कुछ लोग

मिलिटेंट होने के कारण मारे जाते रहते हैं

या आप इसे 53 साल 11 महीने एक सप्ताह और दो दिन से चल रही

माओवादी हिंसा से जुड़ी एक संख्या मान सकते हैं

और एक आँकड़ा रख सकते हैं 14 हज़ार 369

यह 2006 हो सकता है और इसका नाम मालेगाँव

इस संख्या को आप 40 मान सकते हैं

यह संख्या एक साइकिल के पुर्ज़ों से बँधी हो सकती है

एक संख्या है 3323

यह वह लंबी रेखा है, जिसे रेडक्लिफ़ ने खींचा था

और उसके दोनों तरफ दस लाख शव

40 लाख ज़ख़्मी देह और ढाई करोड़ लूट लिए गए लोगों के आँसू थे

और दुनिया के इस सबसे बड़े रक्तकुंड से अहिंसा का एक चरख़ा निकला था,

जिसके आठ कमल दल थे

आप अब 3,99,459 की क्या चिंता करते हैं

यह भी पैंडेमिक से जुड़ी एक संख्या ही तो है

ये गोधरा से कितनी ज़्यादा है?

आप हिसाब लगा लें 790 मुसलमान और 254 हिंदू!

साल भी तो कितने हो गए

विकास दर की रफ़्तार भी तो कुछ चीज़ होती है!

स्रोत :
  • रचनाकार : त्रिभुवन
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

Additional information available

Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

OKAY

About this sher

Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

Close

rare Unpublished content

This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

OKAY