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वास्तव में तुम्हें ही पुकार रहा होता हूँ

wastaw mein tumhein hi pukar raha hota hoon

अनुवाद : खड़कराज गिरी

वीरभद्र कार्कीढोली

वीरभद्र कार्कीढोली

वास्तव में तुम्हें ही पुकार रहा होता हूँ

वीरभद्र कार्कीढोली

और अधिकवीरभद्र कार्कीढोली

    हाँ, मैं हर शाम नशे में

    धुत्त रहा हूँ

    विश्वास होगा तुम्हें

    पर मैं

    पीकर अपने ही दर्द

    जी रहा होता हूँ।

    तुम भी समझो

    इन बातों को, पर

    मैं अपने-आपको तो समझ रहा होता हूँ।

    किसी के हँसने पर ही

    वह खुश है

    कहना, वागीश्वरी!

    हाँ, मैं आधी रात तक भी

    चिल्ला रहा होता हूँ।

    तुम्हें यह भी विश्वास होगा, पर

    मुझे तो अपने ही

    अपराध, बदनामी

    गला दबा रहे होते हैं—

    आधी रात को इस तरह चिल्लाने का अर्थ

    वास्तव में : वागीश्वरी!

    तुम्हें ही पुकार रहा होता हूँ

    तुम्हें ही, तुम्हें ही...

    स्रोत :
    • पुस्तक : इस शहर में तुम्हें याद कर (पृष्ठ 90)
    • रचनाकार : वीरभद्र कार्कीढोली
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 2016
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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