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चार अंगुल गुंजाइश

chaar angul gunjaish

मुकेश निर्विकार

मुकेश निर्विकार

चार अंगुल गुंजाइश

मुकेश निर्विकार

और अधिकमुकेश निर्विकार

    आर्थिक रूप से सक्षम लोग

    जीते हैं अपना वर्तमान

    सिलवाते हैं अपना कोट

    अपनी वर्तमान फ़िटिंग के हिसाब से

    लेकिन आर्थिक रूप से अक्षम लोग

    देखते हुए अपना भविष्य

    कि कहीं छोटा पड़ जाए उनका कोट

    इसलिए सिलवाते हैं काफ़ी ढीला-ढाला

    आर्थिक रूप से अक्षम लोग

    हमेशा छोड़कर चलते हैं

    भविष्य के लिए

    चार अंगुल गुंजाइश

    अपने वर्तमान को तंग करके!

    स्रोत :
    • पुस्तक : प्रार्थनाएँ कुछ इस तरह से करो (पृष्ठ 65)
    • रचनाकार : मुकेश निर्विकार
    • प्रकाशन : अंतिका प्रकाशन
    • संस्करण : 2023

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