Font by Mehr Nastaliq Web

बिटिया की जन्मकथा

bitiya ki janmaktha

मुसाफ़िर बैठा

मुसाफ़िर बैठा

बिटिया की जन्मकथा

मुसाफ़िर बैठा

और अधिकमुसाफ़िर बैठा

    जबकि जिस साल मेरी नई-नई नौकरी लगी थी

    उसी साल नौकरी बाद

    आई थी मेरे घर पहली मनचाही संतान भी

    यानी दो-दो ख़ुशियाँ अमूमन इकट्ठे ही मेरे हाथ लगी थीं

    तिस पर भी

    इस कन्या जनम पर

    कम दुखी मन नहीं था मैं

    उसके इस दुनिया में क़दम रखने के दिन

    अपनी सरकारी नौकरी पर था

    घर से कोसों दूर

    इस ख़ुश आमद से बिल्कुल बेगाना

    मुझे इत्तिला करने की घरवालों ने

    ज़रूरत भी महसूस की थी

    और पूरे माह भर बाद

    घर जा पाया था मैं

    घर पहुँचने से ठीक पहले

    बाट में ही

    अपने को मेरा हमदर्द मान

    एक पुत्रधनी सज्जन ने मुझे बताया था

    कि महाजन का आना हुआ है तेरे घर

    उसके स्वर में

    सहानुभूति और चेताने के द्वैध संकेत

    सहज साफ़ अंकित थे

    इधर मैं बाप बनने का संवाद मात्र पाकर

    पुलकित हुआ जा रहा था

    मैं तो बाल नामकरण पर

    एक किताब भी ख़रीद लाया था

    कि मेरे मन की मुराद पूरी हुई थी

    चाहता था

    कि यह अपूर्व हर्ष

    उस ख़बरची मित्र से भी हमराज़ करूँ

    पर चाहकर भी बाँट नहीं पा रहा था

    बेशक इसमें वह मेरा छद्म टटोलता

    घर पहुँचकर पत्नी से जाना

    कि कैसी ललक होती है प्रसूतिका की

    अपने साझे प्यार की सौगात को

    उसके जनक के संग इकट्ठे ही

    निहारने सहेजने की

    कि दूसरा जन्म ही होता है औरत का

    प्रसूति से उबरकर

    और इन बेहद असहज अमोल पलों में

    जातक के सहसर्जक को

    ख़ुद के पास ही पाने की

    हर औरत की उत्कट चाह होती है

    कि मेरा इन नाज़ुक पलों में

    उसके पास रहना...

    कितना कुछ बीता था उसपर

    जबकि ऐन दूसरे प्रसव के दिनों

    एकबार फिर जीवनसंगिनी से दूर रहकर

    बदहवास लिख रहा हू मैं

    यह अनगढ़ संगदिल कविता।

    स्रोत :
    • रचनाकार : मुसाफ़िर बैठा
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए