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बिहारी

bihari

अखिलेश श्रीवास्तव

और अधिकअखिलेश श्रीवास्तव

    पूछो तो कहेंगे दिल्ली के हैं

    और ठेलोगे

    तो ज़्यादा से ज़्यादा मथुरा बता देंगे

    पूछो मथुरा में कहाँ से

    तो कहेंगे राधे-राधे

    ट्रेन का नाम पूछो तो बताएँगे पश्चिम एक्सप्रेस

    पुरबिया का नाम भूले से भी नहीं धरेंगे

    उनकी शिनाख़्त सतुआ या लिट्टी से होगी

    या फिर किसी ठेकेदार के नाम लिखी चिट्ठी से होगी

    नए ज़माने का हुआ तो

    गोल्ड स्टार का जूता मिल जाएगा पैरों में

    गाँव से निकलते हैं तो पटीदार को लगता है :

    सल्तनत बन गई होगी अब तक परदेस में

    परदेस में मालिक को बताते हैं :

    बाइस बिस्से का चक है गाँव में सड़क किनारे ही

    दुख को झूठे सुख की परछाई से कितना भी ढकें

    कुछ कुछ उघारे दिख ही जाता है

    गाँव में डरने के लिए बस बरम होते हैं

    सफ़र में टीटी और जीआरपी से डरते हैं

    उतरते हैं तो पुलिस, हवलदार, ठेकेदार और साथी कामदार से डरते हैं

    सड़क भी मुफ़ीद जगह नहीं रही

    पटरी पर आँख लग गई तो

    चोर समझने पर अड़ी भीड़ से डरते हैं

    ये राह में नहीं अधर में लटके लोग हैं

    एक दिन भागते-भागते पहुँचेंगे देश के अंतिम छोर तक

    जबरन सामूहिक रूप से पोटली में भरकर

    समंदर में उतारे जाएँगे

    जैसे नक़्शे में पोटली-सा श्रीलंका दिखता है

    दो-तीन छीट बिंदुओं की रस्सी से समंदर में उतरता हुआ।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अखिलेश श्रीवास्तव
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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