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बारूद पानी-पानी हो जाए

barud pani pani ho jaye

पूनम वासम

पूनम वासम

बारूद पानी-पानी हो जाए

पूनम वासम

और अधिकपूनम वासम

    तुम्हारा हाथ थामे बैठी हूँ मैं नंबी जलप्रपात की गोद में

    जहाँ तितलियाँ मेरे खोसे में लगे कनकम्मारल के फूलों से बतिया रही हैं

    तुम हौले से मीठे पान का एक टुकड़ा धर देते हो, मेरी जीभ पर

    और मैं अपनी मोतियों की माला को भींचकर दबोच लेती हूँ मुठ्ठी में

    तुम कहते हो कानों के क़रीब आकर

    चाँद को हथेलियों के बीच रखकर वक़्त गया है

    मन्नत माँगने का

    टोरा तेल से चिपड़े बालों के कालेपन को देखकर

    तुम मुस्कुरा देते हो

    मेरे खोसे से पड़िया निकालकर प्लास्टिक की कंघी खोंच

    प्रेम का इज़हार करते तुम्हें देखकर

    मैं दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में खोजती हूँ अपना नाम

    ख़ुशी के मारे मेरे हाथ

    गुड़ाखू की डिबिया से निकाल बैठते हैं

    अपने हिस्से का सुकून

    पानी की तेज़ धार से तुम झोंकते हो अपनी हथेलियों में

    मेरा चेहरा धोने लायक़ ठंडा पानी

    ठीक उसी वक़्त

    तुम चाहते हो मेरे साथ मांदर की थाप पर

    कुछ इस तरह नृत्य करना

    कि पिछले महीने न्यूनरेंद्र टॉकीज़ की बालकनी में बैठकर देखी गई शाहरुख़, काजोल की फ़िल्म का कोई हिस्सा लगे

    तुम्हारे चेहरे को पढ़ रही हूँ ऐसे

    जैसे ब्लैकबोर्ड पर इमरोज़ की अमृता के लिए लिखी कोई कविता

    तुम हँसते हो जब

    पगडंडियों की जगह मैं दिखाती हूँ तुम्हें

    डामर की सड़कों पर दौड़ती कुशवाहा की बसें

    तुम गुनगुनाने लगते हो तब

    तुम-सा कोई प्यारा, कोई मासूम नहीं है

    कि तुम जान हो मेरी तुम्हें मालूम नहीं है

    और खिलखिलाहट के साथ लाल हो उठता है मेरा चेहरा शर्म से

    तुम कसकर मुझे बाँहों में धर लेते हो कि

    तभी बारूद की तीखी गंध से मेरा सिर चकराने लगता है

    घनी झाड़ियों ऊँचे पहाड़ों को चीरती

    एक गोली तुम्हारे सीने के उस हिस्से को भेदती हुई गुज़र जाती है

    स्वप्न की उसी टेक पर जहाँ अभी-अभी मैंने अपना सिर टिकाया था

    यह स्वप्न है या दुःस्वप्न कहना मुश्किल है

    मैं चीख़-चीख़ कर तुम्हें पुकारती हूँ तुम कहीं नहीं हो

    मैं चाहती हूँ लौट आओ तुम पाकलू

    किसी ऐसे मंतर जादू-टोने के साथ

    कि तमाम बंदूक़ों का बारूद पानी-पानी हो जाए

    स्रोत :
    • रचनाकार : पूनम वासम
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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