Font by Mehr Nastaliq Web

कउनी मूं जाई जाड़ा माँ

kauni moon jai jaDa maan

अनुज नागेंद्र

अनुज नागेंद्र

कउनी मूं जाई जाड़ा माँ

अनुज नागेंद्र

और अधिकअनुज नागेंद्र

    केहु बइठि दुवारे तपता मा चैली कंडी सुलगाये बा।

    केहु भूंजत बा आलू गँजी केहु गोलका भाँटा डाए बा।

    केहु मगन अहै अखबार लिहे केहु मगन चाय की चुस्की मा।

    केहु लेहे खरहरा जुटा अहै बोलियात अहै केहु मुस्की मा।

    अब तुहीं बतावा भइया हम केहसे बतियाई जाड़ा मा।

    कउनी...

    खेते मेड़े कुल ओस परी चारिउ मू कुहिरा ताए बा।

    सूरज देउता ओलियान अहैं ऊपर से बदरी छाए बा।

    सब पसु पक्षी होइके बेहाल काँपत बाटेन गुर गुर गुर गुर।

    उप्पर से पछुवा बहति अहै सुर सुर सुर सुर सुर सुर सुर सुर।

    चारिउ मूं सबके चेहरा पै मायूसी छाई जाड़ा माँ।

    कउनी...

    मनई कै हाल बताई का टोपी पै मोफलर बाँधे बा।

    ऊनी सुइटर, मोटकवा कोट ऊपर से कमरी काँधे बा।

    केहु ओढ़ि रजाई घुसुरा बा, ओहकै भिनसारै होत बा।

    मुल बड़ा बहादुर बाटै जेकरे ठंढी माँ ओत बा।

    मन कहै भिनौखै हमहूँ उठिके दौड़ि लगाई जाड़ा माँ।

    कउनी...

    ओनके हिम्मत कै जै बोला जे कलब्बास माँ परा अहैं।

    साधू संतन कै भीड़ लागि दुनिया कै मनई भरा अहैं।

    सब जने भोरहरे उठि मारैं डुबकी गंगा के पानी माँ।

    गीता रामायन कै गियान सब साधु संत की बानी माँ।

    अबकी बसंत माँ लरिकन का संगम नहवाई जाड़ा माँ।

    कउनी...

    जेहका देखा ओढ़े-बीढ़े कतहूँ बइठा ओतियात अहै।

    केहु खोले हाल परोसी कै चुटकी लै लै बतियात अहै।

    केहु कहै कइसे बढ़त अहै कैसे रोटी तोरत बा।

    जे इरखादोखी अहै भाय यही माँ खोपड़ी फोरत बा।

    हम सुनत अही रामायन कै असली चौपाई जाड़ा माँ।

    कउनी...

    कुछ जने तबै दतुइन करिहैं जौ आलू मटर तली जाए।

    वै रोज निमोना बनवइहैं जब तक ना मटर चली जाए।

    जाड़ा माँ अक्सर जिभियौ बस लॉयपायँ खोब करा करै।

    जउनी मूं देखै छनन मनन बस दौड़ि ओही मूं परा करै।

    मन कहै पकौड़ी मलकिन के हाँथे तलवाई जाड़ा माँ।

    कउनी...

    स्रोत :
    • रचनाकार : अनुज नागेंद्र
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए