Font by Mehr Nastaliq Web

अपने को कफ़न में लपेटकर

apne ko kafan mein lapetkar

कृष्णभक्त श्रेष्ठ

कृष्णभक्त श्रेष्ठ

अपने को कफ़न में लपेटकर

कृष्णभक्त श्रेष्ठ

और अधिककृष्णभक्त श्रेष्ठ

    शोक मनाने के लिए अस्वीकार करता हूँ

    मैं अपना ही

    (व्यवसायी होकर भी)

    दाग देने से अस्वीकार करता हूँ

    आदमी-आदमी फाड़कर देख चुका हूँ मैं

    ख़ुद फटकर देख चुका हूँ मैं

    आम की गुठली के अंदर योगासन में कीड़ा मर गया

    यह प्रसव-वेदना झूठी है

    अभी भी जन्म ले सका आदमी

    हाँ, आदमी नहीं जन्म ले सका

    कथित पिता ने मात्र मुंडन किया चौकोर

    मुझे माँ के गर्भ में

    यहाँ मैं इसीलिए

    स्वजन द्वारा साना हुआ दही-चूड़ा खाता हूँ

    और अपने ही को

    साँड़ से लड़ने वाले के भैंसे-सा खदेड़ते हुए चलता हूँ

    पछतावा नहीं किया है मैंने विक्षिप्त होकर

    न्याय नहीं माँगा है मैंने

    लाश उठाने से पहले

    रोती हुई बूढ़ी माँ के चिथड़े फेंकने की जगह

    लाश के

    खंडित अवशेष फेंक पाकर

    पीठ में

    सिसिफस-सा कुछ ढोते हुए

    —यह बोझ—

    उतारना नहीं खोजा है मैंने,

    जन्म से पहले ही निश्चित थी मेरी मौत

    यह एक जोंक की मौत—

    ख़ुद ही गाँठ बनकर

    अन्यथा मुझे बलात् ही आत्महत्या करनी पड़ती

    किए गए अपराध के लिए

    यह अपराध इसीलिए

    मैं अर्थहीन जीवित हूँ

    व्यर्थ जीवित हूँ,

    मात्र जीवित हूँ

    ख़ुद को ही कफ़न की तरह ओढ़कर।

    स्रोत :
    • पुस्तक : नेपाली कविताएँ (पृष्ठ 25)
    • संपादक : सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
    • रचनाकार : कृष्णभक्त श्रेष्ठ
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 1982

    संबंधित विषय

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Lorem ipsum dolor sit amet, consectetur adipiscing elit. Morbi volutpat porttitor tortor, varius dignissim.

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    जश्न-ए-रेख़्ता | 13-14-15 दिसम्बर 2024 - जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, गेट नंबर 1, नई दिल्ली

    टिकट ख़रीदिए