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अँधेरे की पहचान

andhere ki pahchan

नीरज दइया

नीरज दइया

अँधेरे की पहचान

नीरज दइया

और अधिकनीरज दइया

    बच्चे डरते हैं / अँधेरे से

    डरते-डरते ही सीखते हैं

    वे निडर होना।

    एक दिन आता है ऐसा

    सफ़ेद दोपहरी में

    बच्चे पहचान लेते हैं

    उजास में अँधेरा।

    अँधेरे की पहचान रखने पर

    बच्चे-बच्चे नहीं रह जाते

    दबने लगते हैं / भार से

    करने लगते हैं युद्ध

    अँधेरे की मार से।

    स्रोत :
    • पुस्तक : आधुनिक भारतीय कविता संचयन राजस्थानी (1950-2010) (पृष्ठ 138)
    • रचनाकार : नीरज दइया
    • प्रकाशन : साहित्य अकादेमी
    • संस्करण : 2012
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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