बीहड़ अकेलेपन को
दोस्तों ने उसकी व्यस्तता मान अनदेखा किया
जब उसे सबसे ज़्यादा ज़रूरत थी उनकी
वे मानते रहे मगन होगी हो वह अपनी आभिजात्य संगतों में
इंतज़ार था जब कि वे कुछ भी बहाना लेकर फ़ोन कर दें
कि आज बारिश होती रही दिन भर शहर में
या फिर यही कि फ़ैज़ुल्लागंज में फिर फैलेगा डायरिया
विषयों की कमी के बीच
योगी जी के बुलडोज़र का ही हाल पूछा जा सकता था
थोड़े क़रीबी पूछ सकते थे कि
घर में हेल्प की समस्या वैसी ही है या कोई मिला?
बारिश में जबकि अकेले पकौड़ी खाना निरर्थक था
कोई दोस्त फ़ोन करता तो बताता कि
उसकी मौसी बनाती थी
दुनिया की सबसे कुरकुरी पकौड़ियाँ
कि जवानी में खा डालते थे वे
ऐसी बारिशों में एकाध दर्ज़न समोसे
वह सहेली जो बताती थी
दिल्ली के पानी-बताशे में पड़े हींग के बारे में
मालवीय नगर के अफ़ग़ान शरणार्थियों के बारे में
और अपने कुछ टूटे सपनों
और सीने की किरिच के बारे में
योजनाओं की भरमार थी सहेली के पास
अमल हुआ भी तो किस पर
मेकओवर पर जो योजना में शामिल भी नहीं थी
शख़्सियत के मेकओवर के बाद
उसके पास अब बातें ही नहीं हैं
वीडियो की सस्ती मुस्कुराहटों में कहीं खो गई सहेली
दोस्त खो गए इनामों के जुगाड़ में।
- रचनाकार : प्रीति चौधरी
- प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
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